क्या आप चाहते हैं की आपका बच्चा अच्छा करे??
क्या आप चाहते हैं की आपका बच्चा अच्छा करे??
क्या आप चाहते हैं की आपका बच्चा अच्छा करे??
मगर ये भी तो हो सकता है की, वो अच्छा ही नहीं,... बहुत अच्छा कर रहा हो??
क्योंकि वो खुश रहता है ! हर आत्मा अलग है, मगर फिर भी अंततः हर किसी के जीवन का एक ही ध्येय होता है "ख़ुशी "!
चाहे वो आर्थिक सफलता से जुड़कर हो या सामाजिक ! अंततः सुकून। ..तो फिर आपका बच्चा तो, पहले ही अच्छा कर रहा है !
अक्सर आपके बच्चे को तनाव में रहने की आदत नहीं होती और आप उसे तनाव ग्रस्त रहने की आदत खुद डाल देते हैं! याद दिला दिला कर.... .अरे तेरी परीक्षा है, तुझे बहुत बड़ा आदमी बनना है, वगैरह वगैरह। ..वो इन सब में कब 'खुद' से दूर हो जाता है... कब मशीन बन जाता है.... पता ही नहीं चलता! अंधी रेस में दौड़ता चला जाता है १००० करोड़ और फिर भी तृष्णा वहीँ के वही ! आप उसके लिए समाज के मापदंडो से (जो मुख्यतः आर्थिक होते हैं ) उसकी सफलता का आंकलन करना शुरू कर देते हैं.... जबकि महवपूर्ण ये है की वो, अपनी सफलता के मापदंड, खुद तय करे ! वो, वो बने जो, वो बन सकता है, स्वतः उन्मुक्त भाव से !
सबसे बुरा ये की, आप ऐसे में केवल नकारात्मक ऊर्जा का सृजन करते हैं। ये कह कर की ये तो पढता नहीं। ऐसा या वैसा।
अब क्या करें ?
आज से संकल्प ले की आप यूँ कहेंगे,"ये अपनी काबिलियत अनुसार सफल हो और सदैव खुश रहे! मेरा बच्चा अच्छा है! खुद में पूर्ण हैं ! समझदार है और खुद सब कर लेगा! आज नहीं तो कल, स्वप्रेरणा से!" जब उसे भोजन दे, तो यही ऊर्जा मिलाकर। ... उस से बात करे, तो केवल पढाई की न कर, दूसरी बातें करे। ..उसके जीवन की जिम्मेदारी उस पर छोड़िये ! जैसे आप सफल हुए और अपनी जद्दोजहद से जूझे, वो भी जूझ लेगा ! परेशानी यहाँ है की आप को, आपका बच्चा, आपका भविष्य लगता है। जैसे वो, आपकी संपत्ति हो। स्वार्थी न बनिए।।।। ..ईश्वर ने उसकी नियति पहले ही लिखी है। ..आप बस उसके आस पास, सकारात्मक ऊर्जा बिखेरे।। मन में वो सोचे, जो आप चाहते है, उसके लिए ! इस से उसकी आत्मा को शक्ति मिलेगी और वो स्वतः जागरूक हो, जीवन पथ पर अग्रसर होगा !
ॐ शांति ! प्रेरणा